मसलन, ब्याज का भुगतान, कुल रक्षा खर्च, सब्सिडी, डाक, पुलिस, पेंशन, आर्थिक सेवाएं, सरकारी कंपनियों को दिये गये कर्ज के अलावा राज्यों, केन्द्र शासित प्रदेशों और दूसरे देशों को दिया जानेवाला कर्ज इसमें शामिल होता है.
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केन्द्र सरकार के इस खर्च को इस योजना में समेटा जा सकता है-फूड सब्सिडी 24, 000, एजूकेशन 23 हज़ार, हैल्थ 14 हज़ार, हाउसिंग 4 हज़ार, आर्थिक सेवाएं 9,000, कृषि 10 हज़ार, ग्राम विकास 20 हज़ार, फर्टिलाइज़र 12 हज़ार और बिजली 5 हज़ार करोड़ रुपये यानी कुल 1,21,000 करोड़ रुपये।
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गैर योजनीय राजस्व खर्च में ब्याज भुगतान, सब्सिडी (मुख्यतया खाद्य और फर्टिलाइजर पर), भत्तों, सरकारी कर्मचारियों को दी जाने वाली सैलरी, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को दिए जाने वाली आर्थिक मदद, पेंशन, पुलिस, विभिन्न सेक्टरों को मिलने वाली आर्थिक सेवाएं, टैक्स संग्रह जैसी अन्य सामान्य सेवाएं, सामाजिक सेवाएं और विदेशी सरकारों को दी जाने वाली आर्थिक मदद शामिल रहते हैं।